नागपुर : अनुसूचित जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष पद पर नियुक्त होने के बाद धर्मपाल मेश्राम (Dharmapal Meshram) ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आयोग के अधिकार क्षेत्र में आने वाले विभिन्न विभागों के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई. उन्होंने यह भी बताया कि विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ समाज को मिले इसके संबंध में भी निर्देश दिये गये हैं.
आज रवि भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में धर्मपाल मेश्राम ने जानकारी देते हुए बताया कि 23 दिसंबर से नागपुर जिले में अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के उल्लंघन में मृत लोगों के परिजनों को सरकारी नौकरी देने के संबंध में 2016 से अब तक 17 मामलों में से दो में नौकरी दी गयी है, बैठक में यह मुद्दा उठाया गया कि शेष मामले लंबित हैं. उन्होंने इस संबंध में निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में अन्य जिलों में भी ऐसे मामलों में नियुक्तियां की गई हैं, इसके लिए नियमों का पालन करने और जिले में मामलों के निपटारे के लिए लागू पद्धति का अध्ययन करे. इस दौरान धर्मपाल मेश्राम ने अत्याचार के तहत पिछले 9 वर्षों में 38 मामलों में मृतकों के उत्तराधिकारियों को दी गई वित्तीय सहायता, पेंशन, आवास, कृषि भूमि की भी जानकारी दी। इस अधिनियम के तहत वर्ष 1989 से 31 अगस्त 2024 तक जिले के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में घटित अपराधों की विस्तृत जानकारी दी।