मुंबई :- महाराष्ट्र विधान परिषद में 78 सदस्य हैं. इनमें से विधान परिषद में राज्यपाल द्वारा मनोनीत विधायकों की संख्या 12 है. संगीत, विज्ञान, कला, सहकारी आंदोलन और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव रखने वाले व्यक्तियों को राज्यपाल द्वारा विधान परिषद में उमेदवार तय किया जाता है। महाराष्ट्र विधान परिषद में राज्यपाल द्वारा मनोनीत सीटें पिछले साढ़े चार साल से खाली पड़ी थीं. आखिरकार राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार द्वारा सौंपी गई नामों की सूची में से 7 लोगों के नामों को मंजूरी दे दी है.इसके तहत विधान भवन के सेंट्रल हॉल में 7 सदस्यों का शपथ ग्रहण समारोह हो गया है. हालांकि,कई लोगों ने सवाल उठाया है कि 5 सीटों का क्या होगा. इस मुद्दे पर राज्य के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी अध्यक्ष अजित पवार (Ajit Pawar) ने टिप्पणी की है.
अजित पवार ने क्या कहा?
राज्यपाल ने विधान परिषद में 7 सदस्यों की उमेदवारी तय की है. यह मामला बहुत दिनों से लंबित था, इस राज्यपाल ने इसे दिल पर ले लिया, यह उनका अधिकार है. लेकिन यह जानने का कोई तरीका नहीं है कि 12 की जगह 7 क्यों लिया गया. अजित पवार ने कहा कि वह राज्यपाल से मिलकर बाकी 5 सीटें लेने का अनुरोध करेंगे.
विधान परिषद में राज्यपाल ने किसे दिया मौका?
रमेश बैस ने विधान परिषद की 12 राज्यपाल मनोनीत सीटों में से 7 पर उमेदवारी तय कर दी है। बीजेपी से चित्रा वाघ, विक्रांत पाटिल और धार्मिक गुरु बाबूसिंह महाराज राठौड़ को मौका दिया गया है. तो वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पूर्व सांसद हेमंत पाटिल और पूर्व विधायक मनीषा कायंदे को मौका दिया है. अजित पवार के कोटे से पंकज भुजबल और इदरीस नायकवाड़ी को मौका दिया गया है.
हाईकोर्ट का हस्तक्षेप से इनकार
कल राज्यपाल द्वारा मनोनीत सात विधायकों की उमेदवारी का राजपत्र जारी कर दिया गया. याचिकाकर्ता सुनील मोदी ने कहा कि हमारी राय थी कि इस आदेश को हटाया नहीं जा सकता. हमारे वकील सिद्धार्थ मेहता ने आज हाई कोर्ट में कहा. इस मौके पर सरकारी वकील भी मौजूद थे. हमने इस संबंध में कोर्ट के समक्ष आदेश दिखाया है. उसमें कोर्ट ने कहा है कि हम इस आदेश की स्थिति को देखने के बाद अंतिम निर्णय देंगे, ऐसा सुनील मोदी ने कहा। कोर्ट ने वकीलों से कहा है कि इन सभी याचिकाओं पर दो से तीन दिन में फैसला सुना दिया जाएगा. हमने सात विधायकों का शपथ ग्रहण स्थगित करने की मांग नहीं की थी। सुनील मोदी ने कहा कि कोर्ट ने इस फैसले को रोकने के लिए कोई स्टे नहीं दिया है. मोदी ने यह भी कहा कि कोर्ट का अंतिम फैसला आज के शपथ ग्रहण पर निर्भर करेगा.
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